सिख व पंजाबी समाज की अनदेखी जारी, कल उत्तराखंड में धामी सरकार द्वारा जारी सूची में समाज की अनदेखी कों लेकर रोष जारी, वोट ठोक -पद रोक की नीति का किया जाएगा पुरजोर विरोध

बीजेपी का समर्थक हूँ पर भारी ह्रदय से लिख रहा हूँ :गुरजीन्दर सिंह आनंद

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“तुष्टिकरण ”

समुदाय विशेष का l

 

मार्च 2022 में उत्तराखंड प्रदेश सरकार का गठन होता है और सितम्बर 2022 में

राज्य वक़्फ़ बोर्ड का गठन कर श्री शादाब शमस राज्यमंत्री और 10 सदस्य नामित ,

सितम्बर 2022 में ही राज्य हज समिति का गठन कर श्री खतीब अहमद राज्यमंत्री और 10 सदस्य नामित ,

2022 में ही उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन कर राज्यमंत्री श्री शमून कासमी नामित

और कल आयी सूची में उत्तराखंड महिला आयोग में श्रीमती सायरा बlनो उपाध्यक्ष नामित ।

ओर इसके साथ पूर्व में अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष श्री इंतज़ार हुसैन बीजेपी प्रदेश संगठन द्वारा नामित हैं ।

प्रदेश सरकार में ये 25 लोग ‘ विशेष ‘ हैं l चिंत्ता का विषय है की प्रदेश के अल्पसंख्यक संस्थानों में आज एक भी सिक्ख नामित नहीं है या फिर दूसरे शब्दों में कहे कि सरकार को सिर्फ वोटबैंक वाले अल्पसंख्यको की चिंता है न कि पार्टी के लिए तन मन धन से साथ देने वाले अल्पसंख्यको की ओर तभी अल्पसंख्यक आयोग की भी कोई सुध नही ली गयी क्योंकि वोटबैंक वाले अल्पसंख्यको को तो सरकार में ही निहित कर दिया गया है और बाकी के अल्पसंख्यक अपना कल्याण खुद कर लेंगे ।

” घोर तुष्टिकरण ”

वहीं कल उत्तराखंड की धामी सरकार ने 20लाल बतिया जारी कर उसमें एक भी पंजाबी व सिख समाज के एक भी योग्य व्यक्ति कों डाइत्व न देकर उसकी अनदेखी करने कों लेकर भारी आक्रोश है कि चुनावों में बीजेपी की नीति सिख व पंजाबी भाईचारे के साथ वोट थोक के पद रोक के वाली है जहाँ चुनावों में बीजेपी पार्टी सिख, पंजाबी भाईचारा सम्मेलन बुला कर वोट बटोरती है आखिर उसी समाज की अनदेखी क्यों ये बात राष्ट्र वादी सिख मोर्चा की बैठक में माह नगर अध्यक्ष हरप्रीत सिंह ने कहीं वहीं गुरजीन्दर सिंह आनंद ने कहा की राष्ट्र के लिए सबसे अधिक बलिदान व सर्वस्व अर्पण करने वाले समाज की अनदेखी आखिर क्यों वहीं दारा सिंह ने कहा कि आखिर पूरे उत्तराखंड में धामी सरकार कों एक भी योग्य पंजाबी व सिख भाई चारे का कोई योग्य व्यक्ति नहीं दिखा उन्होंने कहाँ अब समाज कों सोचना ओर विचार करना चाहिए की जो लोग समाज की अनदेखी कर रहें है, उनको भी अनदेखा करना होंगा क्या बीजेपी का नारा सब का साथ व सबका विकास? केवल नारा मात्र था

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